Thursday, January 28, 2021

Class-9 Hindi Chapter-1 गिल्लू

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28/01/2021             CLASS-9                   SLOT-2

HINDI
chapter-1 
गिल्लू
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

 प्रश्न 1.सोनजुही में लगी पीली कली को देख लेखिका के मन में कौन से विचार उमड़ने लगे?

उत्तर-सोनजुही में लगी पीली कली को देखकर लेखिका के मन में यह विचार आया कि गिल्लू सोनजुही के पास ही मिट्टी में दबाया गया था। इसलिए अब वह मिट्टी में विलीन हो गया होगा और उसे चौंकाने के लिए सोनजुही के पीले फूल के रूप में फूट आया होगा।

 

 प्रश्न 2.गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार किस प्रकार किया गया?

उत्तर-महादेवी वर्मा ने गिलहरी के घायल बच्चे का उपचार बड़े ध्यान से ममतापूर्वक किया। पहले उसे कमरे में लाया गया। उसका खून पोंछकर घावों पर पेंसिलिन लगाई गई। उसे रुई की बत्ती से दूध पिलाने की कोशिश की गई। परंतु दूध की बूंदें मुँह के बाहर ही लुढ़क गईं। कुछ समय बाद मुँह में पानी टपकाया गया। इस प्रकार उसका बहुत कोमलतापूर्वक उपचार किया गया।

 

प्रश्न 3.लेखिको का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू क्या करता था?

उत्तर-लेखिका का ध्यान आकर्षित करने के लिए गिल्लू-

उसके पैर तक आकर सर्र से परदे पर चढ़ जाता और उसी तेज़ी से उतरता था। वह ऐसा तब तक करता था, जब तक लेखिका उसे पकड़ने के लिए उठ जाती।

भूख लगने पर वह चिक-चिक की आवाज़ करके लेखिका का ध्यान खींचता था।


प्रश्न
4.गिल्लू किन अर्थों में परिचारिका की भूमिका निभा रहा था?

उत्तर-लेखिका एक मोटर दुर्घटना में आहत हो गई थी। अस्वस्थता की दशा में उसे कुछ समय बिस्तर पर रहना पड़ा था। लेखिका की ऐसी हालत देख गिल्लू परिचारिका की तरह उसके सिरहाने तकिए पर बैठा रहता और अपने नन्हें-नन्हें पंजों से उसके (लेखिका के) सिर और बालों को इस तरह सहलाता मानो वह कोई परिचारिका हो।

  प्रश्न 5.गिल्लू की किन चेष्टाओं से यह आभास मिलने लगा था कि अब उसका अंत समय समीप है?

उत्तर-गिल्लू की निम्नलिखित चेष्टाओं से महादेवी को लगा कि अब उसका अंत समीप है-

उसने दिनभर कुछ भी नहीं खाया।

 वह रात को अपना झूला छोड़कर महादेवी के बिस्तर पर गया और उनकी उँगली पकड़कर हाथ से चिपक गया।


प्रश्न
6.‘प्रभात की प्रथम किरण के स्पर्श के साथ ही वह किसी और जीवन में जागने के लिए सो गयाका आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-आशय यह है गिल्लू का अंत समय निकट गया था। उसके पंजे ठंडे हो गए थे। उसने लेखिका की अँगुली पकड़ रखा था। उसने उष्णता देने के लिए हीटर जलाया। रात तो जैसे-तैसे बीती परंतु सवेरा होते ही गिल्लू के जीवन का अंत हो गया।

 

प्रश्न 7.सोनजुही की लता के नीचे बनी गिल्लू की समाधि से लेखिको के मन में किस विश्वास का जन्म होता है?

उत्तर-सोनजुही की लता के नीचे गिल्लू की समाधि बनी थी। इससे लेखिका के मन में यह विश्वास जम गया कि एक--एक दिन यह गिल्लू इसी सोनजुही की बेल पर पीले चटक फूल के रूप में जन्म ले लेगा।

 

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

प्रश्न 1.लेखिका को अकस्मात किस छोटे जीव का स्मरण हो आया और कैसे?

उत्तर-लेखिका ने देखा कि सोनजुही में पीली कली गई है। यह देखकर उसे अकस्मात छोटे जीव गिल्लू का स्मरण हो आया। सोनजुही की इसी सघन हरियाली में गिल्लू छिपकर बैठता था जो अचानक लेखिका के कंधे पर कूदकर उसे चौंका देता था। लेखिका को लगा कि पीली कली के रूप में गिल्लू ही प्रकट हो गया है।

 

प्रश्न 2.कौए की काँव-काँव के बाद भी मनुष्य उसे कब आदर देता है और क्यों?

उत्तर-कौए की काँव-काँव के बाद भी मनुष्य उसे पितृपक्ष में आदर देता है, क्योंकि हमारे समाज में ऐसी मान्यता है कि हमारे पुरखे हमसे कुछ पाने के लिए पितृपक्ष में कौओं के रूप में आते हैं। इसके अलावा कौआ हमारे किसी दूरस्थ के आने का संदेश भी लेकर आता है।

 

प्रश्न 3.कौए अपना सुलभ आहार कहाँ खोज रहे थे और कैसे?

उत्तर-लेखिका ने देखा कि गमले और दीवार की संधि में गिलहरी का छोटा-सा बच्चा है जो संभवत: घोंसले से गिर पड़ा होगा। कौए उसे उठाने के प्रयास में चोंच मार रहे थे। इसी छोटे बच्चे में कौए अपना सुलभ आहार खोज रहे थे।

 

प्रश्न 4.लेखिका की अनुपस्थिति में गिल्लू प्रकृति के सान्निध्य में अपना जीवन किस प्रकार बिताता था?

उत्तर-लेखिका की अनुपस्थिति में गिल्लू खिड़की में बनी जाली को उठाने से बने रास्ते द्वारा बाहर चला जाता था। वह दूसरी गिलहरियों के झुंड में शामिल होकर उनका नेता बन जाता और हर डाल पर उछल-कूद करता रहता था। वह लेखिका के लौटने के समय कमरे में वापस जाता था।

 

 प्रश्न 5.गिल्लू का प्रिय खाद्य क्या था? इसे पाने पर वह क्या करता था?

उत्तर-गिल्लू का प्रिय खाद्य काजू था। इसे वह अपने दाँतों से पकड़कर कुतर-कुतरकर खाता रहता था। गिल्लू को जब काजू नहीं मिलता था तो वह खाने की अन्य चीजें लेना बंद कर देता था या उन्हें झूले से नीचे फेंक देता था।

 

दीर्घ उत्तरीय प्रश्नोत्तर

 प्रश्न 1.लेखिका ने लघु जीव की जान किस तरह बचाई? उसके इस कार्य से आपको क्या प्रेरणा मिलती है?

उत्तर-लेखिका ने देखा कि गमले और दीवार की संधि के बीच एक छोटा-सा गिलहरी का बच्चा पड़ा है। शायद यह घोंसले से गिर गया होगा। इसे कौए अपना भोजन बनाने के लिए तत्पर थे कि लेखिका की दृष्टि उस पर पड़ गई। उसने उस बच्चे को उठाकर उसके घावों पर पेंसिलीन लगाई और पानी पिलाया। इससे वह दो-तीन दिन में स्वस्थ हो गया। लेखिका के इस कार्य में हमें-

जीव जंतुओं के प्रति संवेदनशील बनने की प्रेरणा मिलती है।

जीव-जंतुओं की रक्षा करने की सीख मिलती है।

जीव-जंतुओं को सताने तथा उन्हें प्रताड़ित करने की प्रेरणा मिलती है।

 प्रश्न 2.लेखिका को जीव-जंतुओं की संवेदनाओं की सूक्ष्म समझ थी। इसे स्पष्ट करते हुए बताइए कि आपको इनसे किन किन मूल्यों को अपनाने की सीख मिलती है?

उत्तर-लेखिका अत्यंत सदय, संवेदनशील तथा परदुखकोतर थी। उससे मनुष्य ही नहीं पशु-पक्षियों का दुख भी नहीं देखा जाता था। इसके अलावा उसे जीव-जंतुओं की भावनाओं की सूक्ष्म समझ थी। लेखिका ने देखा कि वसंत ऋतु में गिल्लू अन्य गिलहरियों की चिक-चिक सुनकर उन्हें अपनेपन के भाव से खिड़की में से निहारता रहता है। लेखिका ने तुरंत कीलें हटवाकर खिड़की की जाली से रास्ता बनवा दिया, जिसके माध्यम से वह बाहर जाकर अन्य गिलहरियों के साथ उछल-कूद करने लगा। इससे हमें जीव-जंतुओं की भावनाएँ समझने, उनके प्रति दयालुता दिखाने तथा जीवों को उनके प्राकृतिक आवास में पहुँचाने की प्रेरणा मिलती है।

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