Thursday, February 4, 2021

Class-9 Hindi Chapter-12 अग्नि पथ

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04/02/2021             CLASS-9                   SLOT-2
Hindi
Chapter-12 अग्नि पथ

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 पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-

() कवि नेअग्नि पथ किसके प्रतीक स्वरूप प्रयोग किया है?

उत्तर-कवि नेअग्नि पथ जीवन के कठिनाई भरे रास्ते के लिए प्रयुक्त किया है। कवि का मानना है कि जीवन में पग-पग पर संकट हैं, चुनौतियाँ हैं और कष्ट हैं। इस प्रकार यह जीवन संघर्षपूर्ण है।

 

() ‘माँग मत, ‘कर शपथ, ‘लथपथ इन शब्दों का बार-बार प्रयोग कर कवि क्या कहना चाहता है?

उत्तर-माँग मत, ‘कर शपथ तथालथपथ शब्दों का बार-बार प्रयोग करके कवि मनुष्य को कष्ट सहने के लिए तैयार करना चाहता है। वह चाहता है कि मनुष्य आँसू, पसीने और खून से लथपथ होने पर भी राहत और सुविधा माँगे। वह कष्टों को रौंदता हुआ आगे बढ़ता जाए और संघर्ष करने की शपथ ले।

 () “एक पत्र-छाँह भी माँग मत इस पंक्ति का आशय स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-इस पंक्ति का आशय है-मनुष्य जीवन के कष्ट भरे रास्तों पर चलते हुए थोड़ा-सा भी आराम या सुविधा माँगे। वह निरंतर कष्टों से जूझता रहे।

 प्रश्न 2.निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

() तू थमेगा कभी

तू ने मुड़ेगा कभी

उत्तर-इन पंक्तियों का भाव यह है कि हे मनुष्य! जीवन में कितनी भी कठिनाइयाँ आएँ, पर तू उनसे हार मानकर कभी रुकेगा नहीं और संघर्ष से मुँह मोड़कर तू कभी वापस नहीं लौटेगा बस आगे ही बढ़ता जाएगा।

  () चल रहा मनुष्य है।

अश्रु-स्वेद-रक्त से लथपथ, लथपथ, पथपथ

उत्तर-कवि देखता है कि जीवन पथ में बहुत-सी कठिनाइयाँ होने के बाद भी मनुष्य उनसे हार माने बिना आगे बढ़ता जा रहा है। कठिनाइयों से संघर्ष करते हुए वह आँसू, पसीने और खून से लथपथ है। मनुष्य निराश हुए बिना बढ़ता जा रहा है।

 

प्रश्न 3.इस कविता को मूलभाव क्या है? स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-इस कविता का मूलभाव है-निरंतर संघर्ष करते हुए जियो। कवि जीवन को आग-भरा पथ मानता है। इसमें पग-पग पर चुनौतियाँ और कष्ट हैं। मनुष्य को चाहिए कि वह इन चुनौतियों से घबराए। ही इनसे मुँह मोड़े। बल्कि वह आँसू पीकर, पसीना बहाकर तथा खून से लथपथ होकर भी निरंतर संघर्ष करता रहे।

 

लघु उत्तरीय प्रश्नोत्तर

 प्रश्न 1.कविएक पत्र छाँह भी माँगने से मना करता है, ऐसा क्यों?

उत्तर-कवि एक पत्र छाँह भी माँगने से इसिलए मना करता है, क्योंकि संघर्षरत व्यक्ति को जब एक बार रास्ते में सुख मिलता है, तब उसका ध्यान संघर्ष के मार्ग से हट जाता है। ऐसा व्यक्ति संघर्ष से विमुख होकर सुखों का आदी बनकर रह जाता है।

प्रश्न 2.कवि किस दृश्य को महान बता रहा है, और क्यों?

उत्तर-जीवन पथ पर बहुत-सी परेशानियाँ और कठिनाइयाँ हैं, जो मनुष्य को आगे बढ़ने से रोकती हैं। मनुष्य इन कठिनाइयों से संघर्ष कर आगे बढ़ते जा रहे हैं। कवि को यह दृश्य महान लग रहा है। इसका कारण है कि संघर्ष करते लोग आँसू, पसीने और रक्त से तर हैं, फिर भी वे हार माने बिना आगे बढ़ते जा रहे हैं।

  प्रश्न 3.कवि मनुष्य से किस बात की शपथ लेने को कह रहा है?

उत्तर-कवि जानता है कि जीवनपथ दुख और कठिनाइयों से भरा है। व्यक्ति इन कठिनाइयों से जूझते हुए थक जाता है। वह निराश होकर संघर्ष करना बंद कर देता है। अधिक निराश होने पर वह आगे बढ़ने का विचार त्यागकर वापस लौटना चाहता है। कवि संघर्ष करते लोगों से कभी थकने, कभी रुकने और कभी वापस लौटने की शपथ को कह रहा है।

 प्रश्न 4.अग्नि पथ कविता को आप अपने जीवन के लिए कितनी उपयोगी मानते हैं?

उत्तर-मैंअग्नि पथ कविता को जीवन के लिए बहुत जरूरी एवं उपयोगी मानता हूँ। इस कविता के माध्यम से हमें कठिनाइयों से घबराए बिना उनसे संघर्ष करने की प्रेरणा मिलती है। जीवन पथ पर निरंतर चलते हुए कभी थकने, थककर निराश होकर रुकने तथा निरंतर आगे बढ़ने की सीख मिलती है, जो सफलता के लिए बहुत ही आवश्यक है।

  प्रश्न 5.कवि मनुष्य से क्या अपेक्षा करता है? ‘अग्नि पथ कविता के आधार पर लिखिए।

उत्तर-कवि मनुष्य से यह अपेक्षा करता है कि वह अपना लक्ष्य पाने के लिए सतत प्रयास करे और लक्ष्य पाए बिना रुकने का नाम ले। लक्ष्य के पथ पर चलते हुए वह थके और रुके। इस पथ पर वह छाया या अन्य आरामदायी वस्तुओं की उपेक्षा करे तथा विघ्न-बाधाओं को देखकर साहस खोए।

 प्रश्न 6.अग्नि पथ का प्रतीकार्थ स्पष्ट कीजिए।

उत्तर-मानव को जीवन पथ पर चलते हुए अनेक विघ्न-बाधाओं का सामना करना पड़ता है। मनुष्य की राह में अनेक अवरोध उसका रास्ता रोकते हैं जिनसे संघर्ष करते हुए, अदम्य साहस बनाए रखते हुए मनुष्य को अपनी मंजिल की ओर बढ़ना पड़ता है। संघर्ष भरे इसी जीवन को अग्नि पथ कहा गया है।

 

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