EVENTS CONVENT HIGH SCHOOL
04/02/2021 CLASS-7 SLOT-2
Hindi
Chapter-13 एक तिनका
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श्रुतिलेख
1. सहपाठियों
2. पड़ोसियों
3. घमंड
4. तिनका
5. आंखें
6. बेचैन
7. अहंकार
8. उपलब्धि
9. मुसीबत
10. क्षमता
11. चुनौती
12. पांव
13. मुंडेरे
14. प्रयास
15. परेशान
बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर
(क) तिनका कहाँ से उड़कर आया था?
(i) पास से
(ii) पैरों के तले से
(iii)
छत से
(iv) बहुत दूर से(√)
(ख) तिनका कहाँ आ गिरा?
(i) कवि के सिर पर
(ii) कवि की नाक में
(iii)
कवि की आँख में
(iv) कवि के पैर पर
(ग) आँख में तिनका जाने पर क्या हुआ?
(i) आँख दुखने लगी
(ii) आँख लाल हो गई
(iii)
वह दर्द से परेशान हो गया
(iv) उपर्युक्त सभी(√)
(घ) कवि पर किसने व्यंग्य किया?
(i) अक्ल ने।(√)
(ii) सहपाठियों ने
(iii)
पड़ोसियों ने
(iv) घमंड ने
अतिलघु उत्तरीय प्रश्न
(क) कवि छत की मुंडेर पर किस भाव में खड़ा था?
उत्तर-कवि छत की मुंडेर पर घमंड से भरे हुए भाव में खड़ा था।
उत्तर-कवि की आँख में तिनका गिर जाने के कारण वह बेचैन हो गया और उसकी आँख लाल हो गई व दुखने लगी।
(ग) आस-पास के लोगों ने क्या उपहास किया?
उत्तर-आस-पास के लोग कपड़े की नोंक से कवि की आँख में पड़ा तिनका निकालने का प्रयास करने लगे।
(क) तिनके से कवि की क्या हालत हो गई?
उत्तर-एक तिनके ने कवि को बेचैन कर दिया था। वह तड़प उठा। थोड़ी देर में उसकी आँखें लाल हो गईं और दुखने लगीं। कवि की सारी ऐंठ और अहंकार गायब हो गया।
उत्तर-तिनकेवाली घटना से कवि समझ गया कि मनुष्य को कभी घमंड नहीं करना चाहिए। एक तिनके ने हमें बेचैन कर दिया। और हमारी औकात बता दिया, उन्हें यह बात भी समझ में आ गई कि उन्हें परेशान करने के लिए एक तिनका ही काफ़ी है। अतः उसे किसी बात पर घमंड नहीं करना चाहिए।
(क) इस कविता से हमें क्या प्रेरणा मिलती है?
उत्तर-इस कविता से यह प्रेरणा मिलती है कि मनुष्य को कभी अहंकार नहीं करना चाहिए। एक तिनका कवि के आँख में जाने। के बाद उनका घमंड चूर-चूर हो गया। अतः अपने उपलब्धि पर अहंकार आ जाना सही नहीं है। हमें सदैव घमंड करने से बचना चाहिए।
(ख) घमंड करने को मनुष्य के विकास का बाधक समझा जाता है। क्या आपमें घमंड करने की प्रवृत्ति है?
उत्तर-घमंड या अहंकार मनुष्य के विकास में काफ़ी बाधक है। व्यक्ति को अपने आप पर या धन दौलत पर घमंड नहीं करना चाहिए। एक छोटी-सी वस्तु या छोटा व्यक्ति भी हमारे घमंड को चुनौती देने की क्षमता रखता है और मुसीबत में डाल सकता है। मेरे सोच में किसी प्रकार की घमंडी बनने की प्रवृत्ति नहीं है। मैं एक सामान्य जीवन व्यतीत करता हूँ।
प्रश्न 1.नीचे दी गई कविता की पंक्तियों को सामान्य वाक्य में बदलिए।
(क) एक दिन जब था मुंडेरे पर खड़ा – ………
(क) एक दिन जब मुंडेरे पर खड़ा था।
(ख) आँख लाल होकर दुखने लगी।
(ग) बेचारी ऐंठ दबे पाँवों भगी।
(घ) किसी ने ढब से तिनका निकाला।
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Thank your for your valuable responce.
Mrfarooqui