Monday, February 1, 2021

Class-7 Hindi Chapter-12 कंचा

   EVENTS CONVENT HIGH SCHOOL

01/02/2021             CLASS-7                   SLOT-2

hindi
Chapter-12 
कंचा

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1.बहुविकल्पी प्रश्नोत्तर

() इस कहानी के लेखक का नाम बताएँ

(i) पी० रामास्वामी

(ii) पी० गोपालस्वामी

(iii) टी० सुब्रह्मण्यम

(iv) टी० पद्मनाभन्। ()

 

() काँच के बड़े-बड़े ज़ार कहाँ रखे थे?

(i) दुकान में

(ii) मेज पर

(iii) अलमारी में ()

(iv) काउंटर पर

 

() रामन मल्लिका किसकी हँसी उड़ा रहे थे।

(i) जॉर्ज की

(ii) अप्पू की ()

(iii) कंचों की

(iv) उपर्युक्त सभी

 

() अप्पू के विद्यालय के रास्ते में किसके पेड़ों की घनी छाँव थी?

(i) पीपल के

(ii) नीम के ()

(iii) आम के

(iv) शीशम के

 

() अप्पू का ध्यान किसकी कहानी पर केंद्रित था?

(i) सियार और कौआ की ()

(ii) लोमड़ी और कौए की

(iii) लोमड़ी और सारस की

(iv) सियार और ऊँट की

 

() अप्पू को कंचा आकार में किस प्रकार का लग रहा था?

(i) बाल की तरह

(ii) आँवले की तरह()

(iii) अंगूर की तरह

(iv) नींबू की तरह

 

 2.अतिलघु उत्तरीय प्रश्न

() अप्पू को दुकान के ज़ारों में रखे कंचे ही क्यों आकर्षित करते हैं, अन्य चीजे क्यों नहीं?

उत्तर-अप्पू को उसके पिता जी सारी चीजे लाकर देते थे, लेकिन कंचे उसने पहली बार देखा था। इसलिए उसका ध्यान केवल कंचों पर जाता है।

 () कंचे देखकर अप्पू का मन कक्षा में क्यों नहीं लग रहा था?

उत्तर-अप्पू ने जब विद्यालय जाने के समय एक दुकानदार के पास जार में कंचे देख लिए तो उसका दिल और दिमाग कंचों में ही खो गया। वह उसे खरीदने की तरकीब खोजने लगा। उसका ध्यान कक्षा में नहीं था। वह तो कंचों की दुनिया में खोया रहता था। वह सोचता है कि जॉर्ज के आते ही वह कंचे खरीदने जाएगा और उसके साथ खेलेगा।

 () कंचों को देखकर सबसे पहले अप्पू क्या सोचता है?

उत्तर-कंचों को देखकर अप्पू सोचता है कि पहले ये कंचे दुकान में नहीं थे। शायद दुकानदार ने इन्हें अभी-अभी यहाँ रखा है।

 () कंचे का सबसे अच्छा खिलाड़ी कौन है?

उत्तर-कंचे का सबसे अच्छा खिलाड़ी लड़कों के बीच में जॉर्ज है।

 3.लघु उत्तरीय प्रश्न

() कंचे खरीदने में अप्पू किसकी मदद लेना चाहता है और क्यों ?

उत्तर-कंचा खरीदने में अप्पू जॉर्ज की मदद लेना चाहता है। जॉर्ज कंचों के खेल का सबसे अच्छा खिलाड़ी माना जाता है। उसे कोई हरा नहीं पाता। जॉर्ज हारे हुए खिलाड़ी की बंद मुट्ठी के जोड़ों की हड्डी को तोड़ देता है।

 () अप्पू के कंचे सड़क पर कैसे बिखर गए?

उत्तर-दुकानदार ने कागज की पोटली में बाँधकर कंचे उसे दे दिए। जब वह पोटली छाती से लगाए जा रहा था तो उसने देखना चाहा कि क्या सभी कंचों पर लकीरें हैं। बस्ता नीचे रखकर जैसे ही उसने पोटली खोली तो सारे कंचे सड़क पर बिखर गए।

 () कंचे कैसे थे?

उत्तर-कंचे का आकार बड़े आँवले जैसा था और वे गोल और सफ़ेद थे। उनमें हरी लकीरें थीं। वह देखने में बहुत सुंदर लग रहे थे।

कहानी से

प्रश्न 1.कंचे जब ज़ोर से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब क्या होता है?

उत्तर-कंचे जब ज़ार से निकलकर अप्पू के मन की कल्पना में समा जाते हैं, तब वह जार और कंचों के अलावे कुछ नहीं सोचता है। उसे कल्पना की दुनिया में लगता है कि जैसे कंचों का ज़ार बड़ा होकर आसमान-सा बड़ा हो गया और वह उसके भीतर समा गया। वह अकेला ही कंचे चारों ओर बिखेरता हुआ मज़े से खेल रहा था। आँवले सा गोल हरी लकीर वाले सफ़ेद गोल कंचे उसके दिमाग में पूरी तरह छा गए। मास्टर जी पाठ में रेलगाड़ी के बारे में पढ़ा रहे थे लेकिन उसका ध्यान पढ़ाई में नहीं था। वह तो केवल कंचों के बारे में सोच रहा था, इसके लिए उसने मास्टर जी से डाँट भी खाई ।।

 प्रश्न 2.दुकानदार और ड्राइवर के सामने अप्पू की क्या स्थिति है? वे दोनों उसको देखकर पहले परेशान होते हैं, फिर हँसते हैं। कारण बताइए।

उत्तर.दुकानदार ड्राइवर के सामने अप्पू एक छोटा बच्चा है जो अपनी ही दुनिया में मस्त है। दुकानदार उसे देखकर पहले परेशान होता है। वह कंचे देख तो रहा है लेकिन खरीद नहीं रहा। फिर जैसे ही अप्पू ने कंचे खरीदे तो वह हँस दिया। ऐसे ही जब अप्पू के कंचे सड़क पर बिखर जाते हैं तो तेज़ रफ़्तार से आती कार का ड्राइवर यह देखकर परेशान हो जाता है कि वह दुर्घटना की परवाह किए बिना, सड़क पर कंचे बीन रहा है। लेकिन जैसे ही अप्पू उसे इशारा करके अपना कंचा दिखाता है तो वह उसकी बचपन की शरारत समझकर हँसने लगता है।

 प्रश्न 3.मास्टर जी की आवाज़ अब कम ऊँची थी। वे रेलगाड़ी के बारे में बता रहे थे। मास्टर जी की आवाज़ धीमी क्यों हो गई होगी? लिखिए।

उत्तर-जब मास्टर जी ने कक्षा के बच्चों को रेलगाड़ी का पाठ पढ़ाना शुरू किया था, तब उनकी आवाज ऊँची थी क्योंकि वे सभी बच्चों का ध्यान आकर्षित करना चाहते थे। ध्यानपूर्वक पाठ को सुन सकें। जब पाठ शुरू हो गया तब बच्चे ध्यानपूर्वक उनकी बातें सुनने लगे तो उनकी आवाज़ धीमी हो गई।

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Mrfarooqui