Monday, December 21, 2020

Class-9 Hindi Chapter-10 दोहे

 

Class 9 Hindi Sparsh
Chapter 10
दोहे


प्रश्न1.पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास

प्रश्न 1.निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर दीजिए-
() प्रेम का धागा टूटने पर पहले की भाँति क्यों नहीं हो पाता?

उत्तर-() प्रेम आपसी लगाव, आकर्षण और विश्वास के कारण होता है। यदि एक बार यह लगाव और विश्वास टूट जाए तो फिर उसमें पहले जैसा भाव नहीं रहता। एक दरार मन में ही जाती है। ठीक वैसे जैसे कि धागा टूटने पर जुड़ नहीं पाता। यदि उसे जोड़ा जाए तो गाँठ पड़ ही जाती है।

 () हमें अपना दुख दूसरों पर क्यों नहीं प्रकट करना चाहिए? अपने मन की व्यथा दूसरों से कहने पर उनका व्यवहार कैसा हो जाता है?

उत्तर () हमें अपना दु: दूसरों पर प्रकट नहीं करना चाहिए। कारण यह है कि लोग दु: की बात सुनकर प्रसन्न ही होते हैं। वे उसे बाँटने को तैयार नहीं होते। उनका व्यवहार मित्रों जैसा नहीं, अपितु बेगानों जैसा हो जाता है।

() रहीम ने सागर की अपेक्षा पंक जल को धन्य क्यों कहा है?
उत्तर () रहीम ने सागर को धन्य इसलिए नहीं कहा क्योंकि उसका जल खारा होता है। वह किसी की प्यास नहीं बुझा पाता। उसकी तुलना में पंक का जल धन्य होता है क्योंकि उसे पीकर कीट-पतंगे अपनी प्यास बुझा लेते हैं।

() एक को साधने से सब कैसे सध जाता है?
उत्तर () एक परमात्मा को साधने से अन्य सारे काम अपने-आप सध जाते हैं। कारण यह है कि परमात्मा ही सबको मूल है। जैसे मूल अर्थात् जड़ को सींचने से फल-फूल अपने-आप उग आते हैं, उसी प्रकार परमात्मा को साधने से अन्य सब कार्य कुशलतापूर्वक संपन्न हो जाते हैं।

() जलहीन कमल की रक्षा सूर्य भी क्यों नहीं कर पाता?
उत्तर (ङ) कमल की मूल संपत्ति है-जल। उसी के होने से कमल जीवित रहता है। यदि वह रहे तो सूर्य भी कमल को जीवन नहीं दे सकता। सूर्य बाहरी शक्ति है। जल भीतरी शक्ति है। इसी भीतरी शक्ति से ही जीवन चलता है।


प्रश्न
2.निम्नलिखित का भाव स्पष्ट कीजिए-

() टूटे से फिर ना मिले, मिले गाँठ परि जाय।
उत्तर
- () भाव यह है कि प्रेम का बंधन अत्यंत नाजुक होता है। इसमें कटुता आने पर मन की मलिनता कहीं कहीं बनी ही रह जाती है। प्रेम का यह बंधन टूटने पर सरलता से नहीं जुड़ता है। यदि जुड़ता भी है तो इसमें गाँठ पड़ जाती है

() सुनि अठिलैहैं लोग सब, बाँटि लैहैं कोय।
उत्तर
- () भाव यह है कि जब हम सहानुभूति और मुद्रदै पाने की आशा से अपना दुख दूसरों को सुनाते हैं तो लोग सहानुभूति दर्शाने और मदद करने की अपेक्षा हमारा मजाक उड़ाना शुरू कर देते हैं। अतः दूसरों को अपना दुख बताने से बचना चाहिए।


() रहिमन मूलहिं सचिबो, फूलै फलै अघाय।
उत्तर
- () भाव यह है कि किसी पेड़ से फल-फूल पाने के लिए उसके तने, पत्तियों और शाखाओं को पानी देने के बजाय उसकी जड़ों को पानी देने से ही वह खूब हरा-भरा होता है और फलता-फूलता है। इसी तरह एक समय में एक ही काम करने पर उसमें सफलता मिलती है।


() दीरघ दोहा अरथ के, आखर थोरे आहिं।
उत्तर
- () भाव यह है कि किसी वस्तु का आकार ज्यादा महत्त्वपूर्ण नहीं होता है, महत्त्व होता है उसमें निहित अर्थ का। दोहे का महत्त्व इसलिए है कि वह कम शब्दों में गूढ़ अर्थ समेटे रहता है।


() नाद :रीझि तन देत मृग, नर धन हेत समेत
उत्तर
- () भाव यह है कि प्रसन्न होने पर मनुष्य ही नहीं, पशु भी अपना तने तक दे देते हैं परंतु कुछ मनुष्य पशुओं से भी बढ़कर पशु होते हैं। वे धन के लिए अपना सब कुछ दे देते हैं।



प्रश्न 3.निम्नलिखित भाव को पाठ में किन पंक्तियों द्वारा अभिव्यक्त किया गया है-

1.जिस पर विपदा पड़ती है वही इस देश में आता है।
   जा पर विपदा पड़त है, सो आवत यह देस।

2.कोई लाख कोशिश करे पर बिगड़ी बात फिर बन नहीं सकती।
    बिगरी
बात बनै नहीं, लाख करौ किन कोय।

 

3.पानी के बिना सब सूना है अतः पानी अवश्य रखना चाहिए।
   रहिमन
पानी राखिए, बिनु पानी सब सून।

 

प्रश्न 4. उदाहरण के आधार पर पाठ में आए निम्नलिखित शब्दों के प्रचलित रूप लिखिए-
उदाहरण : कोय – कोई, जे – जो

1.       ज्योंजैसे

2.       कुछकछु

3.       नहिंनहीं

4.       कोयकोई

5.       धनिधनी

6.       आखरअक्षर

7.       जियजी

8.       थोरेथोडे

9.       होयहोना

10. माखनमक्खन

11.   तरवारितलवार

12.   सींचिबोसिंचाई करना

13.   मूलहिंमूल

14.   पिअतपीना

15.   पियासोप्यासा

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