EVENTS CONVENT HIGH SCHOOL
19/01/2021 CLASS-6 SLOT-2
HINDI
CHAPTER -11 जो देखकर भी नहीं देखते
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पाठ्यपुस्तक के प्रश्न-अभ्यास
प्रश्न 1.जिन लोगों
के
पास
आँखें
हैं,
वे
सचमुच
बहुत
कम
देखते
हैं-हेलेन
केलर
को
ऐसा
क्यों
लगता
था?
उत्तर-हेलेन केलर ने
ऐसा इसलिए कहा
क्योंकि जो लोग
किसी चीज को
निरंतर देखने के आदी
हो जाते हैं
वे उनकी तरफ़
अधिक ध्यान नहीं
देते। उनके मन
में उस वस्तु
के प्रति कोई
जिज्ञासा नहीं रहती।
ईश्वर की दी
हुई देन का
वह लाभ नहीं
उठा। सकते।
प्रश्न
2.‘प्रकृति
का
जादू’
किसे
कहा
गया
है?
उत्तर-प्रकृति का जादू
वह है जो
प्रकृति के रूप
में नित्य कुछ-न-कुछ
परिवर्तन करता है।
प्रकृति अपने रूप
के आकर्षण से
हमें अपनी ओर
जादू की तरह
आकर्षित करती है।
प्रकृति में विविधता
है, अलग-अलग
वृक्षों की अलग-अलग घुमावदार
बनावट और उनकी
छाल और पत्तियाँ
होना, फूलों का
खिलना, कलियों की पंखुड़ियों
की मखमली सतह,
बागों में पेड़ों
पर गाते पक्षी,
कलकल करते बहते
हुए झरने, कालीन
की तरह फैले
हुए घास के
मैदान आदि प्रकृति
के जादू हैं।
प्रश्न
3.‘कुछ
खास
तो
नहीं’–हेलेन
की
मित्र
ने
यह
जवाब
किस
मौके
पर
दिया
और
यह
सुनकर
हेलेन
को
आश्चर्य
क्यों
नहीं
हुआ?
उत्तर-प्रकृति में चारों
ओर देखने और
समझने की बहुत
सी चीजें हैं,
फिर भी उनकी
मित्र कह रही
है कि मैंने
कुछ खास नहीं
देखा। लेखिका का
मानना है कि
वे कुछ भी
देखना ही नहीं
चाहती। वे उन
चीजों की चाह
ज़रूर करती हैं
जो उनके आस-पास नहीं
है।
प्रश्न
4.हेलेन
केलर
प्रकृति
की
किन
चीज़ों
को
छूकर
और
सुनकर
पहचान
लेती
थीं?
पाठ
के
आधार
पर
इसका
उत्तर
लिखो।
उत्तर-हेलेन केलर प्रकृति
की अनेक चीजों
जैसे भोज-पत्र
पेड़ की चिकनी
छालं, चीड़ की
खुरदरी छाल, टहनियों
में नई, कलियों
फूलों की पंखुड़ियों
की बनावट को
छूकर और सँघकर
पहचान लेती है।
प्रश्न 5.जबकि इस
नियामत
से
जिंदगी
को
खुशियों
के
इंद्रधनुषी
रंगों
से
हरा-भरा
किया
जा
सकता
है’।
-तुम्हारी
नज़र
में
इसका
क्या
अर्थ
हो
सकता
है?
उत्तर-हमारी आँखें अनमोल
होती हैं। संसार
की सारी खूबसूरती
आँखों से ही
है। जीवन के
सभी रंग आँखों
से ही हैं।
अतः यह जिंदगी
की बहुत बड़ी
देन है। इसमें
जिंदगी को रंगीन
और खुशहाल बनाया
जा सकता है
और अपने सारे
दुखों को भुलाया
जा सकता है।
निबंध से आगे
प्रश्न 1.आज तुमने
घर
से
आते
हुए
बारीकी
से
क्या-क्या
देखा-सुना?
मित्रों
के
साथ
सामूहिक
चर्चा
करो।
उत्तर-आज जब
मैं अपने घर
से विद्यालय के
लिए निकला तो
चौराहे पर कुछ
लोगों की भीड़
देखी। वे लोग
हाथों में समाचार
पत्र लिए हुए
और किसी गंभीर
मसले पर चर्चा
कर रहे थे।
इतने में मेरी
स्कूल बस आ
गई। थोड़ी आगे
चलकर स्कूल बस
भीड़ पर जाम
में फँस गई।
आगे जाने पर
पता चला दुर्घटना
हो गई है।
एक वाहन उलटा
पड़ा था। वहाँ
का दृश्य देखकर
मन दुखी हो
गया। लगभग 15 मिनट
बाद में विद्यालय
पहुँचा। इसके बाद
प्रार्थना में शामिल
हुआ, फिर कक्षा
में गया। उसके
बाद धीरे-धीरे
शांति का वातावरण
छाया।
प्रश्न
2.कान
से
न
सुन
पाने
पर
आस-पास
की
दुनिया
कैसी
लगती
होगी?
इस
पर
टिप्पणी
लिखो
और
कक्षा
में
पढ़कर
सुनाओ।
उत्तर-कान से
न सुन पाने
पर दुनिया बड़ी
विचित्र लगती है।
आँखें तो सब
कुछ देखती हैं,
पर जब उन
क्रिया कलापों की आवाज़
नहीं सुन पाते
तब ऐसा प्रतीत
होता है मानो
बंद कानों से
हम मूक फ़िल्मों
की तरह देखते
हैं। न सुनने
के कारण व्यक्ति
दूसरों से अपने
विचारों का आदान-प्रदान सही रूप
में नहीं कर
पाता होगा।
प्रश्न
1.पाठ
में
स्पर्श
से
संबंधित
कई
शब्द
आए
हैं।
नीचे
ऐसे
कुछ
और
शब्द
दिए
गए
हैं।
बताओ
कि
किन
चीजों
का
स्पर्श
होता
है-
चिकना – तेल, घी,
क्रीम में चिकनापन
होना।
मुलायम – रेशमी कपड़ा
खुरदरा – लकड़ी व छाल
खुरदरे होते हैं।
सख्त – लोहा, पत्थर, लकड़ी
चिपचिपा – गोंद
भुरभुरा – रेत भुरभुरा
होता है।
प्रश्न 2.मैं अब
इस
तरह
के
उत्तरों
की
आदी
हो
चुकी
हैं।
उस
बगीचे
में
आम,
अमलतास,
सेमल
आदि
तरह-तरह
के
पेड़
थे।
ऊपर
दिए
गए
दोनों
वाक्यों
में
रेखांकित
शब्द
देखने
में
मिलते-जुलते
हैं,
पर
उनके
अर्थ
भिन्न
हैं।
नीचे
ऐसे
कुछ
और
शब्द
दिए
गए
हैं।
वाक्य
बनाकर
उनका
अर्थ
स्पष्ट
करो-
उत्तर अवधि – यह प्रश्नपत्र
पूरा करने की
अवधि 3 घंटे है।
अवधी – अवध क्षेत्र
में अवधी भाषा
बोली जोती है।
में – सुमन से
मेरी मुलाकात बगीचे
में हुई।
मैं – मैं दिल्ली
का निवासी हूँ।
मेल – मित्रों को आपस
में मेल से
रहना चाहिए।
मैल – इस साबुन
से कपड़े में
मैल नहीं रहेगी।
ओर – यह रास्ता
मेरे घर की
ओर जाता है।
और – राम और
श्याम भाई हैं।
दिन – आज दिन
बड़ा सुहाना है।